अन्नपूर्णा शक्तिपीठ संस्कृत विद्यालय ,बृजघाट
गंगा मैया की पावन तलहटी में बसी छोटी सी पुण्यमयी नगरी बृजघाट है।शास्त्रों में बहुधा गढ़मुक्तेश्वर नाम से व्यवहार किया जाता है।
परम वन्दनीय अनंतश्री विभूषित 1008 स्वामी श्री राघवाश्रम जी महाराज की तपस्थली कर्मस्थली व महाराजश्री संस्थाके आजीवन संस्थापक अध्यक्ष पद पर सुशोभित रहे।जिसमे माँ अन्नपूर्णा का विशाल मंदिर,शिवालय,राधाकृष्ण,सीताराम भगवान का दिव्य भव्य विग्रह है।महाराजश्री की समाधि स्थली भी है।
अकस्मात महाराजश्री शिववास को प्राप्त हुए।
ट्रस्ट के सम्मानित पदाधिकारियों ने परम् वीतराग शिरोमणि श्री त्रयंबकेश्वर जी महाराज को धर्मार्थ स्थान सौपकर व्याकरण विद्यालय का आनंद ले रहे है।जिस विद्यालय मे मात्र संस्कृत भाषा मे ही व्यवहार होता है।अनवरत रूपसे महाराजश्री के दिशा निर्देशन में संस्था अभ्युन्नति को प्राप्त कर रही है।।