कल्पवास क्या है।
सांसारिक व्यामोह से सहजतया विमुक्त होकर सात्विक जीवन पद्धति के द्वारा आत्मपरिष्कार का पावन अवसर है। माघमासीय प्रयागस्थ कल्पवास।
ऋषियों की पावन परंपरा का साक्षात अनुभव साधक को त्रिवेणी संगम की मातृवत वात्सल्य प्रदान करने वाली सात्विक रजमें सहजतया प्राप्त हो जाता है।
व्रत – जप – तप – यज्ञ – दान संयम आदि के द्वारा देह शोधन की आध्यात्मिक चिकित्सा पद्धति है कल्पवास।
आसुरी – प्रवृत्ति से मुक्त होकर दैवीय संपत्ति अर्जित करने का केंद्र है कल्पवास।
घोरतम कलिकाल में भी सत्युगीय निर्दोष अनुपम लोकोत्तर सृष्टि का प्रत्यक्ष दर्शन है कल्पवास।