परमपूज्य यज्ञसम्राट श्री प्रवलजीमहाराज की कृपा से माँ एकवीरा देवी के श्रीचरणों मे समर्पित यह दिव्या रमणीय स्थान है। यहां पर १६ संस्कारों का प्रशिक्षण, योगशाला, यंत्र-मंत्र-तंत्र की विद्यापीठ, गौशाला व अन्नक्षेत्र संचालित हैं।