अनादि काल से सृष्टि प्रवाह में आये अवरोधों विकारों के परिमार्जन हेतु परमेश्वर स्वत: अवतरित होकर अथवा अपनी विभूतिरूप संतों को भूतल पर भेजकर लोक कल्याण कारक सनातन सिद्धांतों को अक्षुण्ण रखते हैं। हमारे विश्व वन्द्य धर्मसम्राट स्वामी श्री करपात्री जी महाराज भी धर्म के सर्वांगीण स्वरूप के संरक्षक संपोषक संवर्धक रहे हैं। अखिल भारतवर्षीय धर्म संघ के माध्यम से अनेकों लोकोत्तर फल प्रदायक विलक्षण (1966 गोरक्षा आंदोलन महायज्ञ आदि) अभियान चलाएं। उन्हीं स्वामी श्री करपात्री जी महाराज की कृपामूर्ति पूज्य गुरुदेव यज्ञविज्ञान के मर्मज्ञ यज्ञसम्राट वीरव्रती श्री प्रबल जी महाराज ने भारतवर्ष के आध्यात्मिक अभ्युदय के निमित्त अनेक अप्रतिम कार्य किए। स्वामी करपात्री फाउंडेशन की स्थापना विजयादशमी के पावन पर्व पर 1996 में लोकोपकारक संकल्पित अभियान को लेकर की।