पुरातन पांडुलिपियों व महापुरुषों द्वारा रचित ग्रंथ का प्रकाशन समाज जागृति हेतु किया जाता है। अभी तक – नैक ग्रंथों का प्रकाशन हो चुका है। अग्रिम प्रकाशनार्थ – ग्रंथों का क्रम जारी है!